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Uniform Civil Code क्या है? और भारत में UCC क्यों लागू किया जा रहा है जाने वजह - Sagar Research Center

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Uniform Civil Code क्या है? और भारत में UCC क्यों लागू किया जा रहा है? आइये जानते सरल भाषा में - Sagar Research Center

भारत में इस कोड का खास उद्देश्य सभी धर्म के महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित अम्बेडकर द्वारा परिकल्पित कमजोर वर्गों को सुरक्षा प्रदान करना है।

Uniform Civil Code क्या है?- 

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब एक देश, एक कानून यानी देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक कानून होना. अगर सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में नागरिकों के लिए एक से कानून होंगे

Uniform Civil Code की आवश्यकता क्यों है ?-

समान नागरिक संहिता के समर्थक में सभी नागरिकों को उनके धर्म, वर्ग, जाति, लिंग आदि के बावजूद समान दर्जा प्रदान करना। लैंगिक समानता को बढ़ावा देना। यूसीसी पुरुषों और महिलाओं दोनों को बराबरी पर लाएगा। 

Uniform Civil Code से लाभ क्या है ?-

समान नागरिक संहिता लागू होने पर महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव खत्म होगा और विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संरक्षण से संबंधित मामलों में समान अधिकार प्राप्त होगा तथा समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था रहेगी। यह कानून में भेदभाव या असंगति के जोखिम को कम करेगी।

भारतीय संविधान में लिखित है कोड-

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग चार में समान नागिरक संहिता का उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 44 के मुताबिक, राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।

अनुच्छेद 44 का उद्देश्य कमजोर समूहों के खिलाफ भेदभाव दूर कर विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के बीच सामांजस्य स्थापित करना था। उस समय भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था कि समान नागिरक संहिता वांछनीय है, लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक होनी चाहिए। 

Uniform Civil Code कैसे आया था ?-

यूनिफॉर्म सिविल कोड सबसे पहले ब्रिटिश सरकार के समय आया था, जब ब्रिटिश सरकार ने सुबूत, अपराध और अनुबंधों से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में भारत की संहिताकरण की एकरूपता को लेकर जोर दिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम के व्यक्तिगत कानून संहिताकरण से बाहर रहे।

साल 1941 में हिंदू कानूनों को सहिंताबद्ध करने के लिए बीएन राव समिति का गठन भी किया गया था।

Uniform Civil Code क्यों जरूरी है ?-

अब सवाल आता है कि भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरूरी है, तो जैसे की आपको पता है कि भारत विविधताओं का देश का कहा जाता है। यहां अलग-अलग जाति और धर्मों में शादी और तलाक को लेकर अलग-अलग नियम हैं। वहीं, लोग शादी और तलाक को लेकर पर्सलनल लॉ बोर्ड ही जाते हैं।

ऐसे में इन नियमों की वजह से कानून प्रणाली भी प्रभावित होती है। यूनिफॉर्म सिविल कोड बनने के बाद इस तरह के सभी चीजें एक ही कानून के दायरे में आ जाएंगी। इस कोड के बन जाने से हिंदू कोड बिल और शरीयत कानून को सरल बनाने में मदद मिलेगी। 

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