जब आप स्वयं को जीवन और खुशियों को हासिल करने के लिए तैयार कर लेते हैं तो खुद ब खुद अच्छा होने लगता है। पर कुछ भी पाने के लिए सबसे पहले अपनी सोच के रास्तों की बाधाओं को दूर करना पड़ता है।
हम सब सुनते आए हैं कि इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है । वैसे यह सही भी है । बिना ठोकरखाए , अगर सब कुछ बस ऐसे ही मिलता जाए तो उसकी अहमियत खत्म हो जाती है । लेकिन यह सिक्के का सिर्फ एक ही पहलू है , जबकि दूसरा पहलू हमें यह बताता है कि ठोकरें खाने के बावजूद यह बहुत जरूरी है कि आप स्वयं से प्यार करें औरइस बात को स्वीकारें कि आप अपने जीवन में औरज्यादा बेहतर खुशियों के हकदार हैं । आकर्षण का नियम है कि जब आप स्वयं को बेहतर जीवन , खुशियों औरएहसासों को महसूस करने के लिए तैयार कर लेते हैं तो सब कुछ खुद ब खुद अच्छा होने लगता है । लेकिन इसकी पहली शर्त है , अपने आस - पास से नकारात्मकता को हटाना और जो भी मानसिक बाधाएं आपको आगे बढ़ने