प्रश्न पूछना क्यों जरूरी है? : - प्रश्न करना उतना ही आवश्यक है जितना की हमें उत्तर जानने की जिज्ञासा रहती है। कम शब्दों में कहना चाहूँ तो अगर हम किसी चीज़ के बारे में ना जानते हो पर जानने की इच्छा रखते है तो हमें किसी ना किसी से प्रश्न करना ही होगा।
किसी सूचना या जानकारी की प्राप्ति के लिये या किसी शंका के समाधान के लिये प्रयुक्त भाषायी अभिव्यक्ति को प्रश्न (question) कहते हैं। प्रश्न पूछने के लिये प्रत्येक भाषा में एक अलग प्रकार के वाक्य प्रयुक्त होते हैं जिन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
प्रश्न पूछने का महत्व क्या है?
प्रश्न पूछना सभी के लिए महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि यह हमारे अन्दर जिज्ञासा को बढ़ावा देता है, आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करता है और सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देता है। यह संदेहों को स्पष्ट करने में मदद करता है, समस्या-समाधान क्षमताओं को उत्तेजित करता है, और यथास्थिति को चुनौती देकर नवाचार को बढ़ावा देता है।
गुरु मुस्कराए और बोले - अगर छूट जाती, तो न तुम - तुम रहते और न मैं, मैं। दरअसल, प्रश्नों से सरोकार रखे बिना हम मनुष्य होने की कल्पना नहीं कर सकते। किसी बच्चे को देखिए, कितने प्रश्न होते हैं उनकी जुबान पर, लेकिन जैसे - जैसे उम्र बढ़ती जाती है, सवाल कम होते जाते हैं।
दुनिया आश्चर्य नहीं, आदत बनकर रह जाती है। तब जिज्ञासा बच्चों की चीज मालूम होने लगती है, और लगता है, हम सब जानते हैं। हमें कुछ जानने की जरूरत नहीं, यही भाव हमें रुढ़ बनाता है।
महान विचारक जे कृष्णमूर्ति ऐसे जीने को ही ' सेकेंड हैंड पर्सन ' कहते थे। उनकी मानें, तो जैसे - जैसे आपके प्रश्न करने की आदत छूटती जाती है, आप सेकेंड हैंड सामान में बदलते जाते हैं। इसलिए जब भी अवसर मिले, प्रश्न अवश्य करें, लेकिन याद रहे प्रश्न गागी, शंबूक, नचिकेता और अष्टावक्र जैसे हों, ताकि जो उत्तर मिले, वह समय की परिधि लांघकर भी सामयिक बने रहें।
मतलब, बड़ों के प्रश्नों में परिपक्वता दिखनी चाहिए। उसमें आपके विचार, आपके चिंतन - मनन का भी असर होना चाहिए।
'12' वीं सदी के चिंतक पीके ऑवेला वार्ड ने कहा था, प्रश्न और जिज्ञासा ज्ञान की कुंजी है। संदेह हमें प्रश्नों की ओर ले जाते हैं, और प्रश्न सत्य की ओर। वे प्रश्न ही थे, जिन्होंने सिद्धार्थ को बुद्ध में परिणत कर दिया और वर्धमान को महावीर में। हम और आप भी उन जैसे ही रूपांतरित और कायांतरित हो सकते हैं, बस पहले पहल ईमानदारी से प्रश्न करना शुरू करें।
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FAQ : -
Q1. प्रश्न पूछने का क्या महत्व है?
Ans - प्रश्न पूछने से हमें किसी स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय लेने में भी मदद मिल सकती है। यह हमें अधिक गंभीरता से सोचने में भी मदद कर सकता है। जैसे-जैसे आप किसी पाठ्यक्रम में आगे बढ़ेंगे, प्रश्न पूछने से आपको अपनी शिक्षण सामग्री की बेहतर समझ हासिल करने में मदद मिलेगी।
Q2. प्रश्न पूछना क्या दिखाता है?
Ans - प्रश्न पूछना हमेंलोगों के बारे में सिखाता है की वे जो कर रहे हैं उसके बारे में उन्हें कैसा महसूस होता है ? जब वे जवाब देते हैं, तो न केवल उनके जवाब के बारे में सोचना शिक्षाप्रद हो सकता है, बल्कि इस बारे में भी सोचना चाहिए कि उन्होंने कैसे और कितना अच्छा जवाब दिया।
Q3. दिमागी प्रश्न क्या है?
Ans - दिमागी प्रश्न, जिन्हें पहेली या रचनात्मक प्रश्न के रूप में भी जाना जाता है, ऐसे प्रश्न हैं जो सामान्य ज्ञान या तथ्यात्मक ज्ञान की आवश्यकता के बजाय, तार्किक सोच, समस्या समाधान या कल्पना की आवश्यकता होती है।
Q4. बच्चों से सवाल पूछना क्यों जरूरी है?
Ans - बच्चों से प्रश्न पूछना उन्हें स्वस्थ व्यवहार की ओर मार्गदर्शन करने का एक तरीका है, जिससे उन्हें यह सोचने में मदद मिलती है कि वे क्या करते हैं और उनका दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
Q5. ऐसा कौन सा सवाल है जिसका कोई जवाब नहीं है?
Ans - ऐसा कोनसा सवाल है जिसका कोई जवाब नहीं है? यह पूछा जाना मुश्किल सवाल है क्योंकि इसका जवाब निर्धारित संदर्भ और परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक सवाल जैसे "भविष्य में क्या होगा?" एक ऐसा सवाल हो सकता है जिसका कोई निश्चित जवाब नहीं हो सकता।
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